परिचय
कुशवाहा सेवा समिति नवादा, (बिहार) बिहार सरकार द्वारा निबंधित एक गैर सरकारी सामाजिक संस्था है, जिसे KSS के रूप में भी जाना जाता हैं। इसका विधिवत् स्थापना दिनांक 12 जून 2019 को बिहार सरकार के निबंधन कार्यालय नवादा के निबंधित संख्या 5809/2019 द्वारा एक ट्रस्ट के रूप में किया गया। वर्तमान में समिति का प्रधान कार्यालय अस्थायी रूप से लाइन पार मिर्जापुर में अवस्थित है, जिसे कालांतर में नवादा नेनौरा रोड के मौर्या नगर में निर्माणाधीन "कुशवाहा छात्रावास" में स्थायी रूप से स्थानांतरित किया जाएगा।
पुरा नाम:- | कुशवाहा सेवा समिति नवादा, (बिहार) |
स्थापना:- | 12/06/2019 |
प्रथम अध्यक्ष | डा भोला प्रसाद |
निबंधित | बिहार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त न्यास (Trust) |
निबंधन संख्या | 5809/2019 |
कार्यक्षेत्र | सम्पूर्ण भारत |
स्वरुप | एक गैर सरकारी सामाजिक संस्था |
आदर्श वाक्य | "एकता ही हमारा विकल्प है और शिक्षा ही हमारा संकल्प है।" |
उद्देश्य | "शैक्षणिक व समाजिक संगठनात्मक चेतना का संचार करना व परस्पर सहयोग की भावना को जागृत करना" |
उद्भव (जन्म) :-
KSS के जन्म की कहानी का बीजारोपण वर्ष 2018 में समाज के कुछ सरकारी सेवकों खासकर बाहर में सेवा देने वाले रेलकर्मियों द्वारा "बिषम परिस्थितियों में अपनों के वास्ते, अपनों के द्वारा यथासंभव मददगार बनने की भावना" को जागृत करने के उद्देश्य के साथ हुआ। और इस उद्देश्य को वृहत पैमाने पर संचार करने हेतु स्टेशन मास्टर पद पर कार्यरत श्री दीपक कुमार के द्वारा कुशवाहा सेवा समिति नवादा नाम से एक वाट्सएप ग्रुप दिनांक 11 नवम्बर 2018 को बनाया गया , चूंकि रेलकर्मी देश के कोने कोने में कार्यरत हैं, इसलिए पुरे देश में एक दूसरे से संबंध आसानी से स्थापित हो सके , इसलिए शुरूआती दौर में नवादा कुशवाहा परिवार से जुड़े रेलकर्मी को बड़े स्तर पर इस वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। कालांतर में आवश्यकता के अनुरूप संगठन को और अधिक व्यापक बनाने के लिए नवादा जिले के कुशवाहा समाज के प्रबुद्ध लोगों, समाजसेवियों, अभिभावकों और केंद्र व राज्य सरकार के अधीन सेवानिवृत्त व सेवारत भिन्न भिन्न विभागों में कार्यरत सरकारी सेवकों खासकर स्थानीय शिक्षकों व चिकित्सकों को इस वाट्सएप ग्रुप के साथ जोड़ा गया और समिति के वाट्सएप ग्रुप को एक विस्तृत रूप दिया गया। अपने उद्देश्य को अपने समाज के अंदर वृहद पैमाने पर प्रचार प्रसार करने हेतु कुछ सदस्यों के मन में एक समिति बनाने का विचार उत्पन्न हुआ और इस सोच को साकार रूप देने हेतु कुछ सदस्यों द्वारा जेल रोड नवादा में श्री बिनोद कुमार द्वारा संचालित तत्कालीन स्पेक्ट्रम कॉम्पटीशन इंस्टीट्यूट में पहली बैठक की गई। बैठक में उपस्थित सदस्यों के सकारात्मक विचार विमर्श करने के बाद पुनः एक दो बार मिर्जापुर कुशवाहा भवन में समिति बनाने के प्रति बैठक आयोजित की गयी। लोगों के सकारात्मक सहयोग के साथ उद्देश्य के अनुरूप कारवां को निरंतर आगे बढ़ते देख व समाजसेवियों के जज्बे और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की भावना को समझते हुए समाजसेवियों व अभिभावकों द्वारा अंतिम रूप से एक राय बनी कि इसे ट्रस्ट के रूप का रूप दिया जाय। और इस दिशा में कार्य करते हुए 12 जून 2019 को कुशवाहा सेवा समिति नवादा, बिहार का गठन विधिवत रूप से एक ट्रस्ट के रूप में किया गया। और यह निर्णय लिया गया कि समिति का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 12 जून को मनाया जाएगा। इस प्रकार तभी से समिति का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 12 जून को मनाया जाता है।
समिति के उद्देश्य :-
समाजिक एकजुटता के बिना कोई भी बड़ा क्रांतिकारी बदलाव समाज में नहीं लायी जा सकती है | समिति का सृजन खासकर कुशवाहा समाज के बच्चों में शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक तथा राजनैतिक स्तर पर समृद्धि लाना है। जबतक आर्थिक रूप से कुशवाहा परिवार सशक्त नहीं होगा तब तक आप स्वयं न परिवार को मदद कर सकते हैं न समाज को, इसलिए समाज के परिवारों में आर्थिक सम्पन्नता लाने में शिक्षा रूपी कैरियर मील का पत्थर साबित होगा, इसलिए समाज में शैक्षणिक क्रांति लाने की प्रतिबद्धता को समिति द्वारा बल देने के वास्ते नवादा शहर में समाज के सहयोग से लगभग 200 प्रतियोगी छात्रों के लिए आवासीय रूप में एक कुशवाहा छात्रावास निर्माण की कार्य योजना बनाई गई ताकि आर्थिक अभाव में मेघावी विद्यार्थियों के सपने न टूटे, उनके सपने को पंख लगें और शिक्षा रूपी कैरियर के माध्यम से कुशवाहा परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हो सके| विगत तीन वर्षों से नवादा ननौरा रोड स्थित मौर्या नगर में निर्माणाधीन कुशवाहा छात्रावास नवादा निर्माण कार्य को बल दिया जा रहा है।
कुशवाहा समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है परन्तु मध्यकाल में कुशवाहा समाज कई मायनों में काफी पिछड़ा हुआ था। अगर हम बात करें तो बीते दो दशकों के बीच राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर समाज के लोगों ने नई सोच के साथ अपने आप को स्थापित करने का अंतहीन प्रयास करने का साहस किया है।उसी कड़ी में बिहार राज्य का मगध क्षेत्र जो ज्ञान और मोक्ष की पावन भूमि है उस धरा पर नवादा के कुशवाहा समाज के कुछ युवकों की सोच ने KSS के रूप में एक सामाजिक संगठन को जन्म दिया। संगठन अपने अस्तित्व में आने के बाद 1±1=11,11±1=111,111±1=1111 क्रमानुसार बढ़ते हुए आज बिहार हीं नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक सामाजिक संस्था के रूप में पहचान बन चुकी है। व्यक्ति समाज का महत्वपूर्ण अंग है और समाज को दिशा और समाज के लोगों की दशा परिवर्तन करने में व्यक्ति के व्यक्तित्व की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज KSS व्यक्तिवाद, स्वार्थ परायणता एवं समाज के विघटनकारी शक्तियों से परे सबों के हितार्थ एवं सदुपयोगी कार्यप्रणाली की रुपरेखा के साथ निरंतर समाज के लोगों को जोड़ने एवं आपसी भाईचारा, प्रेम, समर्पण, त्याग, सहिष्णुता, एवं परस्पर सहयोग की भावना से निस्वार्थ होकर गतिमान है।
इस समिति का मुख्य उद्देश्य समाज के परिवारों में सामुहिक रूप से शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक विकास को बल देना है साथ ही साथ बिषम परिस्थितियों में अपनों के लिए यथासंभव मददगार बनना है। जब समाज को इन चारों बिंदुओं के पटल पर रखकर विश्लेषण करते हैं तो आजादी के अमृत काल में भी हमारी आकांक्षाएं दूसरे पर ही टिकी हुई नजर आती है। हम किसी भी रूप में समृद्ध नजर नहीं आते हैं। समाज में समृद्धि और खुशहाली लाने के लिये समाज को शैक्षणिक स्तर से काफी मजबूत करना होगा जिसे समिति अपने मूल उद्देश्य में प्राथमिकता के आधार पर सर्वोच्च स्थान पर रखा है। जब हमारे बच्चे शैक्षणिक स्तर पर मजबूत हो जायेंगे तो आर्थिक विषमताओं के साथ साथ सामाजिक एवं राजनैतिक भागीदारी भी सुनिश्चित होने में समय नहीं लगेगा। समिति का उद्देश्य समाज के प्रत्येक घरों में आर्थिक संकट और बधाएं दूर कैसे हो यह यक्ष प्रश्न है ?
समाज में रिसते रिश्तों को कैसे बचाएँ ? रूढ़िवादी परम्पराओं से समाज को कैसे दूर करें ? सामाजिक कुरीतियों के विरूद्ध हमलोग सजगता के साथ उसे धरातल पर कैसे लाएं ? समाज की कमजोर हो रही राजनैतिक गतिविधियों में सक्रियता और एकजुटता का भाव कैसे पैदा करें ? किसी भी क्षेत्रों में काम कर रहें समाज के लोगों के बीच हम कैसे पकड़ बनाएं ताकि किसी भी विकट परिस्थितियों में हम एक दूसरे के साथ खड़े रहें ? ऐसे कार्यों को गति देने के लिये हमें समाज के निचले पायदान पर खडे परिवारों को जब तक हम अपने साथ नहीं ला पाते हैं तब तक हमारा उद्देश्य भी सफल नहीं हो सकता है। इन्ही सोच के साथ समिति ने अपने पांच सूत्री कार्यों में सबसे पहले चरण में जिला मुख्यालय में आधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं से युक्त पांच मंजिला कुशवाहा छात्रावास का निर्माण करना रखा है। जिसके तीसरे तल्ले की ढलाई का कार्य प्रगति पर है। जिसमें पुस्तकालय, वाचनालय,वाई - फाई एवं कैरियर मार्गदर्शन के लिये समय समय पर उत्साहवर्धन के लिये उच्च व्यक्तित्व वाले विशिष्ट प्रतिभाशाली व्यक्तियों द्वारा प्रेरक भाषण ( Motivational Speech) दिलाना एवं प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिये मूल मंत्र छात्रों को दिलाना शामिल है। हम जानते हैं कि शिक्षा संस्थान विद्यार्थियों में सामाजिक समरसता, परिवार-प्रबोधन, सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीय गौरव के जागरण में अपनी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता हैं, इसकी वर्तमान में प्रबल आवश्यकता भी है। विद्यालय समाज का लघु स्वरूप होता है। इस छात्रावास में रह रहे छात्रों को अलग-अलग या समूह में विभिन्न उत्तरदायित्व भी सौंपे जा सकते हैं जिससे उनमें उत्तरदायित्व की भावना, कर्तव्यनिष्ठा, दूसरों के हित का ध्यान रखने का स्वभाव, प्रेम ,सहयोग, मिलकर कार्य करने की भावना आदि सामाजिक गुणों का विकास किया जा सके। शिक्षा के माध्यम से समाज में परिवर्तन आये, समाज की चेतना जागृत हो, यह शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है। अतः हमारे छात्रावास की गतिविधियां केवल अपने छात्रों तक सीमित नहीं रह कर संपूर्ण समाज को प्रभावित करने वाली, उसे दिशा देने वाली होनी चाहिए।
इस दृष्टि से निम्न कार्य अनुकरणीय हैं | समाज में निर्धन परिवारों के अनेक बच्चे ऐसे हैं, जो विभिन्न कारणों से शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। वे अपने पारिवारिक व्यवसाय में सहयोग करते हैं अथवा अल्पायु में किसी काम में लग जाते हैं। ऐसे बालकों की शिक्षा के लिए निःशुल्क रात्रिकालीन कक्षाओं के संचालन हेतु सायंकाल अथवा रात्रि में छात्रावास भवन का उपयोग किया जा सकता है। इस संस्थान की समस्त गतिविधियां एवं शिक्षा-प्रक्रिया सामाजिक चेतना एवं सामाजिक परिवर्तन के केंद्र के रूप में संचालित करने की है। शिक्षा के माध्यम से छात्रों एवं समाज में सामाजिक एवं राष्ट्रीय भावना के जागरण में समिति अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें, इसी में देश की उन्नति निहित है। शिक्षा मानवीय जीवन को संवारने में एक ब्रह्मास्त्र की भांति काम करता है व मनुष्य के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास का आधार है। शिक्षित व्यक्ति समाज में विभिन्न सार्थक परिवर्तनों का वाहक होता है। शिक्षा लोकमत जागरण, लोकमत संस्कार, समाज प्रबोधन एवं सामाजिक परिवर्तन का आधारभूत तत्व है। इन सभी लक्ष्यों की प्राप्ति में शिक्षण संस्थाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विद्यालय सामाजिक चेतना एवं सामाजिक परिवर्तन के केंद्र बने, वर्तमान समय में इसकी महती आवश्यकता दिखाई देती है।
विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना का विकास हो एवं यह सामाजिक चेतना अपेक्षित सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन सके। सामाजिक चेतना का अर्थ व्यक्ति में समाज के प्रति आत्मीयता एवं एकात्मकता का भाव है। इस भाव के साथ ही समाज के हित तथा समाज के प्रति आत्मीयता/अंगागीपन का विचार आता है और इस विचार की सात्विक परिणति समाज की भलाई के लक्षण और बुराई के निवारण में होती है। समाज के साथ आत्मीयता और एकात्मकता में जीवन की पूर्णता अनुभव करना, सामाजिक चेतना का द्योतक है। इस सामाजिक चेतना का जागरण शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है और इस नाते यह संस्था का महत्वपूर्ण कर्तव्य है। प्राचीन काल से ही अपने देश में सामाजिक व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में गुरुकुलों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गुरुकुल ना केवल विद्यार्थियों के लिए उपयोगी थे अपितु संपूर्ण समाज के लिए एवं शासन के लिए भी मार्गदर्शक की भूमिका में रहते थे। प्राचीन ग्रंथों में ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं जब स्वयं राजा भी समय-समय पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए गुरुकुल के आचार्य के पास जाया करते थे। उसी प्रकार हमारे समाज के नायाब हीरों श्री निशिकांत सिंहा भी यहां अपना बहुमूल्य समय देकर यहां के अभिवंचित बच्चों के प्रेरणा बनेंगे। यही हमारा मूल उद्देश्य है। और इसमें हम सफल भी होंगे। इतना ही नहीं समाज में जागृति लाने के लिये अखबार, पत्र-पत्रिका के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाने का लक्ष्य हैं जिसके लिये समिति के सौजन्य से " कुशवाहा जागरण "पत्रिका का प्रकाशन निरंतर हो रहा है। समिति से जुड़े लोगों की रचनात्मकता, सार्थकता, विद्वता, एवं बौद्धिक क्षमता को शब्दों में पिरोकर उन्हें अर्थो का आकार देकर समिति को परिभाषित करने का कार्य भी शामिल है जिसमें अक्षरशः सफलता भी मिल रही है। समाज के वंशज विश्वप्रसिद्ध मौर्य साम्राज्य के चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान व चन्द्रगुप्त मौर्य की शासन व्यवस्था जो अनुकरणीय है, उस अपनी विरासत की वापसी करना , भगवान बुद्ध के उपदेशों को आत्म सात करना, बिहार लेनिन गरीबों के मसीहा शहीद जगदेव बाबू के सपनों को साकार करना और सावित्री बाई फुले की हिम्मत और त्याग को जीवंत बनाते हुए अपने समाज के महिलाओं को आगे ले जाना है। आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि हमलोग अपने उद्देश्यों में अवश्य सफल होंगे।
कुशवाहा सेवा समिति की उपलब्धि:-
कुशवाहा सेवा समिति की उपलब्धि पर चर्चा करना हीं सिर्फ आवश्यक नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह भी है कि समिति अपने सीमित काल में समाज के अवधारणाओं पर कितना खरा उतरा है यह भी लोगों को जानना बेहद जरूरी है। समिति ने अपने विधिवत् स्थापना के पूर्व नवादा शहर के मोक्ष धाम बिहारी घाट से पश्चिम स्थित मिर्जापुर मोहल्ला में कुशवाहा भवन में अवगुणों को नाश कर आपसी मतभेद को होलिका दहन में भस्म कर होली का आयोजन 2019 से प्रारम्भ किया और धीरे धीरे कारवां बनता गया। जिले के विभिन्न प्रखंडों के निवासी जो मिर्जापुर में आवासित हैं , विशेषकर उनका योगदान अतुलनीय है। सबों के सहयोग से छोटे से कार्यक्रम से शुरू किया गया कार्य वर्तमान में बड़ा समुदाय के रूप में परिणत हो गया है। समिति द्वारा समाज में शैक्षणिक क्रांति लाने की प्रतिबद्धता को बल देने के वास्ते पिछले कई वर्षों से लगातार मैट्रिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र -छात्राओं को भव्य समारोह का आयोजन कर मेडल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने के साथ साथ शिक्षा रूपी कैरियर की बेहतर शुरुआत के लिए विशिष्ट शिक्षाविदों द्वारा मोटिवेट किया जाता है ताकि समाज के प्रतिभागियों में कुछ कर गुजरने की ललक जगाया जा सके। समिति के द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को उच्च स्तर पर सफल बनाने में समाज के नायाब सितारा निशिकांत सिन्हा के आर्थिक सहयोग से एक बार सोने का लाकेट, मोबाइल, लैपटॉप,स्पेशल डायरी आदि पुरस्कृत किया गया था ताकि समाज के प्रतिभागियों के सपनों को पंख लग सके। समिति द्वारा बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में उत्तीर्ण मेघावी विद्यार्थियों को कैरियर के प्रति शुरुआत से ही उच्च मुकाम हासिल की सोच पैदा हो इसे ध्यान में रखते हुए सम्मानित कार्यक्रम को प्रत्येक वर्ष आयोजित कर बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। समाज के अभ्यर्थियों प्रतियोगी परीक्षाओं में लाखों की भीड़ में भी सफल हो सके इसके लिए समिति द्वारा प्रतिवर्ष प्रतियोगिता परीक्षा सिविल सर्विसेज, यूपीएससी, बीपीएससी,नीट, आईआईटी, सामान्य परीक्षा के तर्ज पर प्रतिभा खोज परीक्षा आयोजन कर रही है जिसके प्रथम, द्वितीय एवं तीसरे स्थान प्राप्त करने बाले सभी छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है साथ ही साथ महान समाजसेवी श्री निशिकांत सिंहा के द्वारा देश के नामचीन कोचिंग में नामांकन कराने के साथ साथ प्रखंड स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार देने का भी अंतहीन सिलसिला इसका जीवंत उदाहरण है। नवादा जिले के साथ साथ देश प्रदेश के कुशवंशी प्रतिभागियों व अभिभावकों में उच्च मुकाम हासिल करने की ललक जगाने वाले समाज के गौरव एवं अनमोल हीरा निशिकांत सिन्हा के सहयोग से सम्भव हो रहा है।
विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले समाज के प्रतिभागियों को समिति उनके निज आवास पर जाकर अथवा समिति के किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान उन्हें निरंतर सम्मानित करने का कार्य कर रही है ताकि वे अपने जीवन के सर्वोच्च मुकाम को हासिल करने के लिए और भी प्रयासरत रहे। समाज के सदस्यों का विशिष्ट उपलब्धि हासिल करना उनके स्वयं व परिवार के लिए खास तो होता ही है, समाज का बेटा होने के कारण समाज भी गौरवान्वित महसूस करता है।
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नवादा शहर के प्रमुख छठ घाट मिर्जापुर स्थित सूर्यमंदिर परिसर जहां लाखों की भीड़ होती है ऐसे खास अवसर पर समिति के सौजन्य से निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन समाज के चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं प्रबुद्धजनों के सहयोग से निरंतर हो रहा है।
वैश्विक महामारी कोरोना काल ने सभी को रुलाया था। खासकर हमारे समाज के युवा जो अपने बच्चों को अच्छी परवरिश करने एवं उन्हें अच्छी विरासत देने के लिये घर से कोसो दूर देश के किसी कोने में पलायन को मजबूर थे उनकी सिसकियों को समिति ने जाया नहीं जाने दिया। समिति के देश के कोने कोने में आवासित सदस्यों की कनेक्टिविटी से हमलोगों ने सामुहिक रूप से समाजिक सहयोग की सहायता से सैकड़ो परिवार को राशन पानी की व्यवस्था कराया।
भारत सरकार व बिहार सरकार द्वारा समय समय पर भिन्न भिन्न पदों की भर्ती के लिए आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा का सेंटर नवादा शहर व जिले के कोने कोने में रहने पर जिले से बाहर दूर दराज से आने वाले समाज के प्रतिभागियों के लिए रहने, खाने और परीक्षा केंद्र तक निःशुल्क पहुचाने की लगातार व्यवस्था किया जा रहा है। kss के लगातार इस आयोजन से प्रेरित होकर पूरे बिहार सहित अन्य राज्यो में भी इस तरह का आयोजन किया जा रहा है।
समिति की असली उपलब्धि तब मानी जाएगी जब समाज के दबे कुचले व वंचितों के घरों में शिक्षा की रोशनी लाकर उनको आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक बनकर समाजिक व शैक्षणिक क्रांति लाने में सफलता हासिल कर सकेंगे|
प्रतीक (Logo):
समिति का प्रतीक समिति के उद्देश्यों का द्योतक है। इसमें एक पुस्तक के ऊपर गेंहू की बाली के बीच पांच हाथों की कलाई एक दूसरे को पकड़ कर और बीच में चक्र को दर्शाया गया है।
प्रतीक में प्रयुक्त चिन्हों की व्याख्या: यह प्रतीक KSS के उद्देश्यों को प्रदर्शित करता है। KSS के प्रतीक को देखने मात्र से हीं इस समिति के उद्देश्य से हम रूबरू हो जाते हैं। पुस्तक समिति के शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गेंहूँ की बाली समाज की समपन्नता और समृद्धि को दर्शाता है। शिक्षा के आधारभूत संरचना पर हीं समाज गेंहू के बाल जैसी आर्थिक रूप से संपन्न और समृद्ध हो सकेंगे। हाथ की कलाई का एक साथ जुड़े रहना संगठन और समाज की एकता और सहयोगात्मक भाव को दर्शाता है। साथ हीं साथ पांच हाथ का होना पंच परमेश्वर के रूप में एकरूपता के साथ न्याय को दर्शाता है। और यह सब तभी प्रभावी रूप से कारगर हो सकेंगे जब हम शिक्षित और समृद्ध होंगे। हम दूसरे को आर्थिक मदद तभी कर पाएंगे जब हम स्वंय आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे। चक्र KSS की प्रगति और समाज के प्रति 24 घंटे समर्पित भाव को दर्शाता है। इस प्रकार प्रतीक में समाहित सभी चिन्ह अपने आप में एक महत्व रखता है और इस समिति के उद्देश्यों का बोध कराता है।